मगरमच्छ और मछलियाँ
एक छोटा सा कस्बा फैल कर शहर हो गया। आसपास के जंगलों को डकारने के बाद उसने पास के तालाब को भी अपने भीतर समा लिया। कस्बे के बाहर का वह तालाब शहर का तालाब तो हो गया पर शहर के किसी काम नहीं आया। शहरों को यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता कि उसका कुछ उसके काम ना आए इसी लिए शहर की सरकार सोचने लगी कि क्यों ना तालाब को एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बना दिया जाए। पर एक समस्या थी। तालाब में बहुतेरे मगरमच्छ थे।
क्योंकि मनुष्य हर उस चीज से डरता है जिसे वह वश में नहीं कर पाता, विज्ञान और विकास के सिवा, इसलिए एक दिन शाम आठ बजे शहर के मुखिया ने अचानक घोषणा कर डाली की तालाब को मगरमच्छ-मुक्त करने के लिए उसे एक बार पूर्ण रूप से सुखा दिया जाएगा। जो भी मगरमच्छ वहाँ से भागने की कोशिश करेंगे उन्हें कैद कर लिया जाएगा।
अगले ही घंटे से लाखों रुपये खर्च कर तालाब को सुखाया जाने लगा। तालाब पूरी तरह से सूखता इससे पहले ही वहाँ के सभी मगरमच्छ उड़ भागे पर बेचारी मछलियाँ…