फौजी भूत का जंगल
राजू गुरु की चाय की दुकान में चली चर्चा एक जंगल की जिसे सुना एक भूत ने बनाया है। एक ऐसे दौर में करोड़ों पेड़ों का जंगल उग आया जब उत्तराखंड में जंगल खत्म होने की कगार पर हैं। क्या सच में मसला भूत का है या कहानी कुछ और ही है?
राजू गुरु की चाय की दुकान में चली चर्चा एक जंगल की जिसे सुना एक भूत ने बनाया है। एक ऐसे दौर में करोड़ों पेड़ों का जंगल उग आया जब उत्तराखंड में जंगल खत्म होने की कगार पर हैं। क्या सच में मसला भूत का है या कहानी कुछ और ही है?
पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर चर्चा करना आसान है पर उनके संरक्षण की ओर कदम बढ़ाना काफी कठिन है। मुद्दा तब और भी गंभीर हो जाता है जब बात पहाड़ों की हो क्योंकि पहाड़ जितने सुंदर और बुलंद हैं, उतने ही नाजुक भी है।
किन्नौर की वह खूबसूरत घाटी कभी कभार धमाकों की आवाज़ से गूँज उठती थी। कुछ रोज ये धमाके देर रात भी सुनाई दिए। कारण बेहद व्यथित करने वाला था। पर क्या किया जा सकता है? मानव कल्याण की कीमत तो चुकानी ही होगी!