बंगाल

सत्येन्द्र – वृतान्त 4

जान लिया मेरा सच? अब बताईए कि मैं कैसे करूँ किसी से इश्क? हर आदमी जो मुझे पसन्द आता है उसमें मुझे वही शिकारी दिखाई देता है। मैं मानने सा लगी हूँ कि हर प्रेमी आखिरकर दरिंदा हो ही जाएगा क्योंकि यह पुरुष का मूल स्वभाव है।

सत्येन्द्र – वृतान्त 2

पन्तजी को काटो तो खून नहीं। भगत सिंह की जयजयकार करने वाले भी अपने घरों में भगत सिंह नहीं चाहते। पन्तजी के लिए हाँ कहना मुश्किल था। कुमाउँ के उच्चतम कुल का लड़का अगर ऐसा करेगा तो कितनी बातें होंगी समाज में।